Monday, February 15, 2010

जब चाहू ओर अन्धकार छा जायेगा
इंसान अपनी ही सूरत नहीं पहचान पायेगा
हे इश्वर ! तब हम बचों की, सही राह खोजने में
मार्ग दर्शन कौन करेगा?

जब सूरज की रोशनी से बिजली मिलेगी
पर इंसान के हृदय की ज्योत बुझेगी
हे इश्वर ! तब इंसानियत के पथ पर चलने में
मार्ग दर्शन कौन करेगा ?

जब हर मानव सोने का होगा
पर मानवता का मोल न होगा
हे इश्वर ! तब प्रेम-भाव की स्तुति फेलाने में
मार्ग दर्शन कौन करेगा ?

जब विज्ञानं काल की समृधि होगी
ओर हृदय की जगह भी बुधि होगी
हे इश्वर ! तब इस हृदय को शांति पहुचने में
मार्ग दर्शन कौन करेगा?

जब परमादु का राज होगा ओर
कई ताजमहलों का विनाश होगा
तब कौन कहेगा? हे इश्वर ! हम तुच्छ प्राणियों का
मार्ग दर्शन कौन करेगा???